उत्तर प्रदेश सरकार का फर्जी जानकारी फैलाने वालों पर कड़ा रुख: Mahakumbh 2025 को लेकर सख्त कार्रवाई
उत्तर प्रदेश सरकार ने Mahakumbh 2025 के आयोजन से जुड़ी फर्जी और भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर UP पुलिस और साइबर सेल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सतर्क निगरानी रख रही है। इस निगरानी का उद्देश्य अफवाहों को रोकना, धार्मिक सौहार्द बनाए रखना और गलत सूचना प्रसार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना है।
फर्जी खबरें फैलाने पर 54 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ FIR
सरकार की ओर से की जा रही जांच और निगरानी के तहत अब तक 54 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है। ये सभी अकाउंट महाकुंभ 2025 से जुड़ी गलत और भ्रामक जानकारियां फैलाने में शामिल पाए गए।
कार्रवाई क्यों हो रही है?
सरकार के अनुसार, कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा Mahakumbh 2025 के आयोजन को लेकर झूठी अफवाहें, गलत आंकड़े और भ्रामक दावे फैलाए जा रहे थे। इन अफवाहों का उद्देश्य धार्मिक सौहार्द बिगाड़ना, समाज में भ्रम पैदा करना और लोगों को गुमराह करना था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ऐसे किसी भी व्यक्ति या समूह के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
UP पुलिस और साइबर सेल की सख्त मॉनिटरिंग
इस प्रकार की भ्रामक जानकारी को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस और साइबर सेल 24/7 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की निगरानी कर रही है। इनमें Twitter, Facebook, Instagram, WhatsApp और Telegram जैसे प्रमुख मंच शामिल हैं। सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
- साइबर सेल और इंटेलिजेंस विंग को सोशल मीडिया की गहन निगरानी का निर्देश दिया गया है।
- मॉर्फ्ड वीडियो, फर्जी न्यूज और गलत जानकारी पोस्ट करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
- जिन अकाउंट्स से ग़लत जानकारी फैलाई जा रही है, उन्हें ब्लॉक किया जा रहा है और उनके खिलाफ IT एक्ट व IPC की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है।
कौन हैं सरकार के निशाने पर?
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य केवल गलत जानकारी फैलाने वालों को रोकना है, न कि किसी की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाना। उन व्यक्तियों और समूहों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है:
- वे सोशल मीडिया अकाउंट्स जो महाकुंभ के आयोजन को लेकर अफवाहें फैला रहे हैं।
- वे लोग जो धार्मिक भावनाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
- जो कुंभ के खर्च, सुविधाओं और तैयारियों को लेकर गलत दावे कर रहे हैं।
सरकार का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि महाकुंभ जैसे भव्य आयोजन की छवि खराब करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों को जल्द से जल्द कानूनी दायरे में लाया जाए।
कानूनी कार्रवाई और संभावित सजा
महाकुंभ को लेकर गलत जानकारी फैलाने वालों पर सरकार IPC और IT एक्ट के तहत कार्रवाई कर रही है। ऐसे मामलों में आरोपियों को कड़ी सजा और जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।
- IPC की धारा 153A – धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश पर कार्रवाई।
- IPC की धारा 505 – अफवाह फैलाने और समाज में अशांति उत्पन्न करने पर मामला दर्ज।
- IT एक्ट के तहत – साइबर अपराध की धाराओं में 5 साल तक की जेल और भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
- सोशल मीडिया अकाउंट ब्लॉक – गलत जानकारी फैलाने वाले अकाउंट्स को स्थायी रूप से सस्पेंड और ब्लॉक करने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है।
जनता के लिए सरकार की अपील
सरकार ने सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक और विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी प्राप्त करें और किसी भी अफवाह या भ्रामक जानकारी को शेयर करने से बचें। आम जनता से भी अनुरोध किया गया है कि अगर उन्हें किसी भी प्रकार की फर्जी खबर या अफवाह दिखाई देती है, तो वे तुरंत साइबर सेल या स्थानीय प्रशासन को सूचित करें।
उत्तर प्रदेश सरकार ने Mahakumbh 2025 को लेकर फर्जी जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। 54 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर FIR दर्ज की जा चुकी है और इस संख्या में आगे भी वृद्धि हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि महाकुंभ की गरिमा को ठेस पहुंचाने की कोशिश करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होगी। यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाता है, तो उसे जेल और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।
सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह: हमेशा सत्यापित और आधिकारिक सूत्रों से जानकारी प्राप्त करें और किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी को साझा करने से बचें।