दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की सत्ता में वापसी के संकेत, आप को झटका
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे 8 फरवरी को आने वाले हैं और शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 27 साल बाद राजधानी की सत्ता में वापसी करती दिख रही है। यह चुनाव आम आदमी पार्टी (आप) के लिए कठिन साबित हो रहा है, क्योंकि पार्टी अपने पारंपरिक गढ़ों में भी पिछड़ रही है।
मुस्लिम बहुल इलाकों में आप को झटका
दिल्ली के कई मुस्लिम बहुल इलाकों में, जहां आप का दबदबा रहा है, इस बार वोटों का भारी बिखराव देखने को मिल रहा है। [ओखला] (पश्चिम) से लगातार विधायक रहे अमानतुल्लाह खान इस बार पीछे चल रहे हैं। उन्हें भाजपा के मनीष चौधरी ने कड़ी टक्कर दी है और रात 9:30 बजे तक की मतगणना में वह 1800+ वोटों से आगे चल रहे हैं। इस सीट पर मुस्लिम वोट आप और कांग्रेस के बीच बंटने की संभावना है।
मुस्तफाबाद और जंगपुरा सीट पर भाजपा आगे
मुस्तफाबाद सीट पर भाजपा के मोहन बिष्ट ने आप के अदील अहमद खान पर 5000 वोटों की बढ़त बना ली है और यह अंतर और बढ़ सकता है। यहां एआईएमआईएम उम्मीदवार ताहिर हुसैन के कारण मुस्लिम वोटों के बंटवारे की भी चर्चा है।
जंगपुरा सीट पर भी भाजपा आगे चल रही है। यहां से तेजिंदर सिंह मारवाह ने आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को पीछे छोड़ दिया है। सिसोदिया इस बार पटपड़गंज की बजाय जंगपुरा से चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन उन्हें इसका कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा है।
अन्य सीटों पर भाजपा आगे
– कस्तूरबा नगर: भाजपा के नीरज बैसोया आप के नरेश पहलवान से 2500 वोटों से आगे हैं।
– शकूर बस्ती: भाजपा के करनैल सिंह ने आप के सत्येंद्र जैन को 3000 वोटों से पीछे छोड़ा।
– करावल नगर: भाजपा के कपिल मिश्रा ने आप उम्मीदवार पर 6000 वोटों की बढ़त बना ली है।
कुछ सीटों पर आप की बढ़त बरकरार है
– चांदनी चौक: आप के पुनरदीप सिंह साहनी कांग्रेस के मुदित अग्रवाल से आगे चल रहे हैं।
– मटिया महल: आप के आले मोहम्मद इकबाल ने कांग्रेस के आसिम अहमद खान पर 4000 वोटों की बढ़त बना ली है।
– बाबरपुर: आप के गोपाल राय भाजपा उम्मीदवार से 5000 वोटों से आगे हैं।
– सीलमपुर: आप के जुबैर अहमद भाजपा के अनिल शर्मा से 700 वोटों से आगे हैं।
– सीमापुरी: आप के वीर सिंह धींगान भाजपा के रिंकू से आगे हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझान साफ संकेत दे रहे हैं कि भाजपा को ऐतिहासिक बढ़त मिल रही है, जबकि आप को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। आप का प्रदर्शन इस बार कमजोर नजर आ रहा है, खासकर मुस्लिम बहुल इलाकों में। अगर यही रुझान जारी रहा तो करीब 27 साल बाद भाजपा दिल्ली की सत्ता में वापसी कर सकती है।