प्रयागराज महाकुंभ में सोमवार (3 फरवरी 2025) को बसंत पंचमी के मौके पर अमृत स्नान को लेकर लोगों की भीड़ फिर जुटने लगी है। 1 फरवरी से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए पहुँच रहे हैं। हालाँकि, मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को हुई हादसे के बाद प्रशासन अत्यधिक सावधानी बरत रहा है। वहीं, उस भगदड़ की जाँच कर रही STF की टीम साजिश के एंगल को भी खंगाल रही है।
प्रशासन को उम्मीद है कि बसंत पंचमी के मौके पर लगभग 4.5 करोड़ लोग महाकुंभ में स्नान करेंगे। बता दें कि जिस दिन मौनी अमावस्या थी, उस दिन स्नान के सारे रिकॉर्ड टूट गए। उस दिन लगभग 8 करोड़ लोगों ने कुंभ में डुबकी लगाई थी। बसंती पंचमी के अमृत स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान कराने के लिए 28 स्ट्रैटेजिक प्वाइंट बनाए गए हैं।
इन प्वाइंट्स पर पुलिस के साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और पैरामिलिट्री के जवानों की संयुक्त टीम की तैनात की गई है। इस बार बैरिकेड तोड़ने वालों की प्रशासन की विशेष निगाह रहेगी। ऐसे लोगों पर नजर रखने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। सभी पॉइंट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और कमांड सेंटर से उन पर निगरानी रखी जा रही है।
इतना ही नहीं, मेला क्षेत्र को सुरक्षित बनाने के लिए कुछ अन्य अधिकारियों को भी इलाके में भेजा गया है। साल 2019 में प्रयागराज के मंडलायुक्त रहे आशीष गोयल तथा प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं डीएम रहे भानुचंद्र गोस्वामी के साथ-साथ पाँच विशेष सचिवों को नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, PCS स्तर के पाँच अधिकारियों को भी मेला क्षेत्र में तैनात किया गया है।
नोएडा विकास प्राधिकरण में तैनात देवेंद्र कुमार सिंह, बुंदेलखंड औद्योगिक प्राधिकरण के ओएसडी राम कुमार शुक्ला, फिरोजाबाद से शिव ध्यान पांडेय, उन्नाव के प्रशांत कुमार नायक तथा सीतापुर के पराग माहेश्वरी को 15 फरवरी तक के लिए महाकुंभ मेला प्राधिकरण से जोड़ दिया गया है। ये अधिकारी व्यवस्था सँभालने में मदद करेंगे।
मौनी अमावस्या को हुई भगदड़ में साजिश की आशंका
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर हुई भगदड़ में 30 से अधिक लोगों ने अपनी जान गँवा दी। इसको लेकर प्रदेश की योगी सरकार बेहद गंभीर है। हादसे के बाद कई ऐसे वीडियो सामने आए, जिनमें श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि कुछ लड़के जान-बूझकर लोगों को धक्का दे रहे थे। अलग-अलग लोगों द्वारा एक तरह के आरोप लगाने के बाद सरकार इस एंगल से भी जाँच कराने की जुट गई है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार (1 फरवरी 2025) को कुंभ क्षेत्र की तैयारियाँ का जायजा लेने के लिए एक बार फिर से प्रयागराज आए थे। इस दौरान उन्होंने उन स्थानों का भी जायजा लिया, जहाँ पर भगदड़ हुई थी। योगी आदित्यनाथ ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद अधिकारियों को कई तरह के निर्देश दिए थे।
उस दौरान योगी आदित्यनाथ ने कहा था, “षडयंत्र रचने वाले कभी कामयाब नहीं होंगे। कुछ लोग लगातार गुमराह कर रहे हैं। भगदड़ के दिन कुछ पुण्यात्मा एक हादसे का शिकार हो गए थे, लेकिन संतों ने अपना धैर्य नहीं खोया। कुछ लोग जो सनातन के विरोधी हैं, उनकी कोशिश थी कि संतों का धैर्य जवाब दे दे। सनातन ही मानव धर्म हैं। सनातन रहेगा तो मानव रहेगा। सनातन धर्म का बाल भी बाँका नहीं हो सकता है।”
अब यूपी STF इस एंगल से जाँच कर रही है। आशंका है कि एक साजिश के तहत महाकुंभ मेले में भगदड़ करवाई गई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जाँच के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को इसको लेकर शक बढ़ता जा रहा है। दरअसल, घटना वाले दिन संगम नोज के आसपास मौजूद मोबइल नंबरों को खंगाला जा रहा है। वहाँ के करीब 16,000 से अधिक नंबरों का डेटा एनालिस्ट किया जा रहा है।
डेटा एनालिसिस के दौरान STF ने पाया कि घटना के बाद से ही कई नंबर बंद आ रहे हैं। वहीं, घटना के दौरान उपस्थित दो लोगों ने STF को बताया कि कुछ लोग भगवा झंडा लेकर मेला में अचानक घुस आए, इससे वहाँ भगदड़ मची। अब मेला क्षेत्र में लगे एक-एक सीटीटीवी कैमरे के वीडियो का सूक्ष्म विश्लेषण किया जाता रहा है। एजेेंसियाँ Face Recognition तकनीक के जरिए संदिग्धों की पहचान कर रही है।
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