उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहा Mahakumbh 2025 अब अपने अंतिम चरण में है, कुछ ही दिनों में इस भव्य आयोजन का समापन हो जाएगा. वहीं, अब सीएम योगी ने महाकुंभ को लेकर बड़ा बयान दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमें हर 6 साल में कुंभ और हर 12 साल में महाकुंभ आयोजित करने का मौका मिलता है. हम जो भी गतिविधियां करते हैं, उससे हमारे पर्यटन को बढ़ावा मिलता है. महाकुंभ की वजह से यूपी की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है.
योगी आदित्यनाथ का महाकुंभ 2025 को लेकर बड़ा बयान, कहा सिर्फ ₹1,500 करोड़ खर्च कर सरकार ने ₹3 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था तैयार किया
कैसे हुआ यह संभव?
मुख्यमंत्री योगी ने इस बात पर जोर दिया कि महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों का आर्थिक प्रभाव व्यापक होता है।
मुख्य बिंदु:
- 1. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट:
नई सड़कें, फ्लाईओवर, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट अपग्रेडेशन पर सरकार ने विशेष ध्यान दिया। स्थायी सुविधाओं के विकास से ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म सेक्टर को मजबूती मिली। - 2. पर्यटन और रोजगार:
महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु आएंगे, जिससे होटल, परिवहन, रेस्टोरेंट और स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मिला। - 3. स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा:
हस्तशिल्प, धार्मिक वस्त्र, प्रसाद, फूल-मालाओं और पारंपरिक उद्योगों में बूम आया। स्थानीय विक्रेताओं और कारीगरों को व्यापार के नए अवसर मिले। - 4. अंतरराष्ट्रीय निवेश और ब्रांडिंग:
सरकार ने महाकुंभ 2025 को ग्लोबल इवेंट के रूप में प्रमोट किया, जिससे विदेशी पर्यटकों और निवेशकों की रुचि बढ़ी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की ब्रांडिंग को मजबूती मिली।

महाकुंभ: धर्म से आर्थिक शक्ति तक
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक साधन भी है। महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिससे पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि बड़े धार्मिक आयोजनों से स्थानीय और राज्य स्तर पर आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है। उत्तर प्रदेश सरकार की योजना इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल इकोसिस्टम पर ध्यान केंद्रित करने की है, जिससे महाकुंभ के बाद भी इसका लाभ मिलता रहे।
₹1,500 करोड़ के निवेश से ₹3 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की रणनीति योगी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। महाकुंभ 2025 को भारत के सबसे बड़े आर्थिक-धार्मिक आयोजनों में से एक माना जा रहा है, जिसका लाभ पूरे देश को मिलेगा।