बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर एक बार फिर सुर्खियों में हैं, इस बार उनकी टिप्पणियों को लेकर जो उन्होंने आगामी मराठी फिल्म छावा के संदर्भ में की थी। उनकी टिप्पणियों को हिंदू समुदाय के बलिदानों को अपमानित करने के रूप में देखा गया, जिसके कारण सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। भारी विरोध के बाद, स्वरा भास्कर ने अपनी टिप्पणी पर ‘अफसोस’ व्यक्त किया, लेकिन साथ ही अपनी बात को सही ठहराने के लिए जटिल तर्क भी दिए। (स्वरा भास्कर छावा विवाद)
“कभी अपनी अश्लील हरकतों से सुर्ख़ियों में आयी स्वरा भास्कर मुस्लिम धर्म में निकाह के बाद फिल्म इंडस्ट्री के लायक न रहने के कारण बेरोज़गारी से जूझ रही हैं शायद इसीलिए थोड़ी लाइमलाइट बटोरने के लिए उन्होंने छावा को लेकर विवादित बयान दिया है। लेकिन जो भी हो ये बात छोटी नहीं है।”
क्या है स्वरा भास्कर छावा विवाद ?
छावा एक बहुप्रतीक्षित मराठी फिल्म है, जो छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन और उनके बलिदान पर आधारित है। यह फिल्म हिंदू इतिहास के एक गौरवशाली अध्याय को दर्शाती है। स्वरा भास्कर ने इस फिल्म और इससे जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों पर टिप्पणी की, जिससे कई लोग आहत हुए। उनकी टिप्पणी को हिंदू संस्कृति और परंपराओं का अपमान बताया गया।
सोशल मीडिया पर नाराजगी
स्वरा भास्कर की टिप्पणियों के बाद ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भारी विरोध देखा गया। #BoycottSwaraBhasker और #RespectHinduSacrifices जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। कई लोगों ने इसे हिंदू समुदाय के बलिदानों का अनादर बताया और उनकी माफी को अपर्याप्त करार दिया।
स्वरा भास्कर छावा विवाद और सफाई
मामले के तूल पकड़ने के बाद, स्वरा भास्कर ने अपनी टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने अपने विचारों को सही ठहराने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उनकी मंशा किसी की भावनाओं को आहत करने की नहीं थी, बल्कि एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य से विचार रखने की थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया और सोशल मीडिया पर इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।
My tweet has generated much debate & avoidable misunderstanding. Without any doubt I respect the brave legacy and contribution of Chhatrapati Shivaji Maharaj.. especially his ideas of social justice & respect for women.
My limited point is that glorifying our history is great… https://t.co/YKk1QgiQRG
— Swara Bhasker (@ReallySwara) February 21, 2025
आलोचकों की प्रतिक्रिया
स्वरा भास्कर के तर्कों को लेकर भी विवाद थमा नहीं। कई इतिहासकारों और धार्मिक विद्वानों ने उनके बयान को तथ्यों से परे बताया और कहा कि इतिहास को विकृत करने की प्रवृत्ति सही नहीं है। कुछ लोगों ने उनकी तुलना उन हस्तियों से की जो बार-बार हिंदू परंपराओं और ऐतिहासिक घटनाओं पर विवादास्पद टिप्पणियां करती रही हैं।
फिल्म ‘छावा’ की टीम का रुख
फिल्म छावा के निर्माताओं और कलाकारों ने इस विवाद से दूरी बनाते हुए कहा कि यह फिल्म ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है और इसका उद्देश्य छत्रपति संभाजी महाराज की वीरता और बलिदान को उजागर करना है। उन्होंने स्वरा भास्कर के बयानों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन समर्थकों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है।
हिंदू संगठनों का विरोध
विभिन्न हिंदू संगठनों ने स्वरा भास्कर के बयान की कड़ी निंदा की और उनसे बिना किसी शर्त के माफी मांगने की मांग की। कुछ संगठनों ने कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी है।
स्वरा भास्कर का यह विवाद दर्शाता है कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर बयान देते समय सतर्कता आवश्यक है। हालांकि उन्होंने खेद व्यक्त किया, लेकिन उनकी सफाई से विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला आगे कैसे बढ़ता है और क्या इससे भविष्य में इतिहास और संस्कृति से जुड़े विषयों पर चर्चाओं का तरीका प्रभावित होगा।