भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में 27 वर्षों के बाद ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, और इसके साथ ही पार्टी ने रेखा गुप्ता को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में चुना है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर एक साधारण कार्यकर्ता से शुरू होकर राजधानी के शीर्ष पद तक पहुंचा है, जो भाजपा में ही संभव है।
रेखा गुप्ता का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
रेखा गुप्ता का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था। उनके पिता भारतीय स्टेट बैंक में प्रबंधक थे, जिनकी नौकरी के सिलसिले में परिवार 1976 में दिल्ली आ गया। रेखा की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई, और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून (एलएलबी) की डिग्री प्राप्त की। छात्र जीवन के दौरान ही वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ीं और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की महासचिव चुनी गईं।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
छात्र राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के बाद, रेखा गुप्ता ने 2003-04 में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) में शामिल होकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। भाजयुमो में सचिव पद पर रहते हुए, उन्होंने संगठन के विभिन्न कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके पश्चात, वे उत्तरी दिल्ली की मेयर बनीं, जहां उन्होंने प्रशासनिक अनुभव हासिल किया। भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली भाजपा की महासचिव के रूप में भी उन्होंने संगठनात्मक कौशल का प्रदर्शन किया।

विधानसभा चुनाव और मुख्यमंत्री पद तक का सफर
2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में, रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग सीट से आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार वंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया। यह जीत न केवल उनकी लोकप्रियता को दर्शाती है, बल्कि उनके संगठनात्मक कौशल और जनता के बीच मजबूत पकड़ का प्रमाण भी है। भाजपा विधायक दल की बैठक में, केंद्रीय पर्यवेक्षक रविशंकर प्रसाद और ओमप्रकाश धनखड़ की उपस्थिति में, रेखा गुप्ता को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया, जिससे वे दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनीं।
आरएसएस और भाजपा के साथ संबंध
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से गहरा नाता है। उनकी राजनीतिक यात्रा में आरएसएस की विचारधारा और समर्थन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दिल्ली में भाजपा की जीत में भी आरएसएस का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिसने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत किया और चुनावी रणनीतियों में सहयोग प्रदान किया। रेखा गुप्ता आरएसएस की पृष्ठभूमि से मुख्यमंत्री बनने वाली तीसरी नेता हैं, जो संगठन और पार्टी के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाता है।
भाजपा में साधारण कार्यकर्ता से शीर्ष पद तक का सफर
भाजपा एक ऐसी पार्टी है जहां साधारण कार्यकर्ता भी अपने समर्पण, मेहनत और संगठन के प्रति निष्ठा के बल पर शीर्ष पदों तक पहुंच सकते हैं। रेखा गुप्ता का सफर इसका जीवंत उदाहरण है। छात्र राजनीति से लेकर मेयर, महासचिव, विधायक और अब मुख्यमंत्री तक की उनकी यात्रा यह साबित करती है कि भाजपा में योग्यता और समर्पण को उचित मान्यता मिलती है। पार्टी में कार्यकर्ताओं को अवसर प्रदान करने और उन्हें नेतृत्व की भूमिकाओं में आगे बढ़ाने की संस्कृति है, जो अन्य दलों से इसे अलग करती है।
रेखा गुप्ता की मुख्यमंत्री पद तक की यात्रा न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि भाजपा और आरएसएस के संगठनात्मक ढांचे और कार्यकर्ता-केन्द्रित दृष्टिकोण का भी प्रमाण है। उनकी नियुक्ति से यह संदेश मिलता है कि पार्टी में समर्पित और मेहनती कार्यकर्ताओं के लिए शीर्ष पदों तक पहुंचने के अवसर हमेशा खुले हैं। दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में, रेखा गुप्ता से राजधानी के विकास और जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की उम्मीद की जा रही है।
इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए, आप नीचे दिए गए वीडियो देख सकते हैं: