दिल्ली चुनाव के बीच जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की अवैध घुसपैठ के कारण राजधानी की जनसांख्यिकी बदलने लगी है।
जेएनयू रिपोर्ट
114 पन्नों की इस रिपोर्ट का शीर्षक है ‘दिल्ली में अवैध प्रवासी: सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिणामों का विश्लेषण।’ दिल्ली की स्थिति का वर्णन करने वाले इस अध्ययन में बताया गया है कि कैसे राजनीतिक दल वोट पाने के लिए चुनावों के दौरान इन लोगों के नाम दर्ज करते हैं, जिससे राजधानी की धार्मिक संरचना बदल जाती है।
Kejriwal’s AAP is selling out Delhi for vote bank politics!
– A JNU report exposes how AAP is enabling illegal Rohingya & Bangladeshi migration.
– Fake voter registrations & IDs are being handed out to illegals.
– Delhi’s economy, infrastructure & security are under… pic.twitter.com/OEPhY23yZg
— Satya Kumar Yadav (@satyakumar_y) February 3, 2025
दिल्ली पर दबाव बढ़ रहा है
रिपोर्ट में बताया गया है कि बांग्लादेश से आए घुसपैठियों के कारण मुस्लिम आबादी में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने न केवल राजधानी में भीड़भाड़ बढ़ाई है, बल्कि स्वास्थ्य, सेवा और शिक्षा जैसे शहर के संसाधनों पर भी दबाव बढ़ाया है।
ये लोग दिल्ली के सीलमपुर, जामिया नगर, जाकिर नगर, सुल्तानपुरी, मुस्तफाबाद, जाफराबाद, द्वारका, गोविंदपुरी और अन्य इलाकों में आकर बस जाते हैं।
फर्जी दस्तावेज बनाकर मजदूरों को काम मिल रहा है
यहां इनके रहने का इंतजाम करने के लिए एक पूरा नेटवर्क है, जिसमें दलाल और धर्म का प्रचार करने वाले लोग शामिल हैं। इनकी मदद से घुसपैठिए फर्जी दस्तावेज बनवाने में सफल हो जाते हैं और अलग-अलग जगहों पर अपना काम करने लगते हैं। साथ ही रहने के लिए उनकी अनधिकृत बस्तियों की संख्या भी बढ़ रही है और इसका असर राजधानी के बुनियादी ढांचे पर साफ दिखाई दे रहा है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ये अवैध प्रवासी कम वेतन वाली नौकरियों में स्थानीय श्रमिकों की जगह ले रहे हैं, जिससे सामाजिक और आर्थिक संरचना प्रभावित हो रही है। वहीं, अगर जनसंख्या के लिहाज से बात करें तो अध्ययन में साफ तौर पर कहा गया है कि राजधानी में मुस्लिम आबादी बढ़ी है और धार्मिक संरचना में भी बदलाव आया है।
सब्सिडी के कारण अवैध प्रवासी ज्यादा बढ़ रहे हैं
दूसरी तरफ, रिपोर्ट में दिल्ली सरकार पर भी चिंता जताई गई है जो रोहिंग्याओं को सब्सिडी देने का काम करती है। कहा गया है कि इस तरह के संसाधन मुहैया कराने से और ज्यादा अवैध प्रवासी दिल्ली आने की कोशिश करेंगे। इस तरह दिल्ली की समस्या कम होने की बजाय और बढ़ेगी।