मध्य प्रदेश के सागर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक मुस्लिम महिला पर आरोप लगा है कि उसने एक नवजात शिशु को चुराकर अस्पताल में उसका धर्म परिवर्तन करवा दिया। यह घटना सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
नवजात चोरी और अस्पताल में धर्म परिवर्तन का खुलासा
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना सागर जिले के एक सरकारी अस्पताल की है, जहाँ एक नवजात बच्चे को जन्म के तुरंत बाद चोरी कर लिया गया। चोरी के बाद, बच्चे का धर्म कथित रूप से बदल दिया गया और इस्लामिक रीति-रिवाजों के अनुसार उसका नामकरण किया गया।
जब परिवार को अपने नवजात की गुमशुदगी की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत अस्पताल प्रशासन और पुलिस को सूचित किया। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई और एक मुस्लिम महिला के इस अपराध में शामिल होने की बात सामने आई।
कैसे हुआ नवजात चोरी?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, आरोपी महिला अस्पताल में पहले से मौजूद थी और उसने एक सुनियोजित साजिश के तहत बच्चे को चुराने की योजना बनाई थी। अस्पताल में मौजूद सुरक्षा खामियों का फायदा उठाकर महिला नवजात को लेकर फरार हो गई। परिवार द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी महिला की पहचान की और उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान उसने कबूल किया कि उसने बच्चे को चुराकर उसका धर्म परिवर्तन करवा दिया था।
अस्पताल में धर्म परिवर्तन लापरवाही का मामला
इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब परिवार ने अपने नवजात की गुमशुदगी की शिकायत की, तो अस्पताल प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बाद में पुलिस की सक्रियता के चलते ही इस मामले का खुलासा हुआ। स्वास्थ्य विभाग ने इस घटना की जाँच के आदेश दे दिए हैं और अस्पताल में सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की बात कही जा रही है। प्रशासन ने यह भी माना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निगरानी की जरूरत है।
धर्म परिवर्तन का कानूनी पहलू
भारत में जबरन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराना कानूनी अपराध है। कई राज्यों में इसको रोकने के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं, जिसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है। इस कानून के तहत, यदि कोई व्यक्ति किसी का धर्म जबरन बदलने का प्रयास करता है या धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन कराता है, तो उसे कड़ी सजा हो सकती है। इस मामले में भी पुलिस ने जबरन धर्म परिवर्तन से जुड़े प्रावधानों के तहत आरोपी महिला के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि क्या इस घटना के पीछे कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है।
जनता में आक्रोश और कार्रवाई की मांग
इस घटना के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा गया। नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए और अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए ताकि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों। कई सामाजिक संगठनों ने इस घटना की निंदा करते हुए सरकार से अपील की है कि जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों को रोकने के लिए और भी कड़े कानून लागू किए जाएँ।
सागर जिले में अस्पताल के अंदर नवजात को चुराकर उसका अस्पताल में धर्म परिवर्तन कराने का यह मामला बेहद गंभीर है। यह धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के उल्लंघन का मामला है। प्रशासन और पुलिस को चाहिए कि वे इस घटना की गहराई से जाँच करें और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जाए। इसके अलावा, अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया जाए ताकि माता-पिता अपने नवजात बच्चों को सुरक्षित महसूस कर सकें।