USAID के बारे में ये खुलासे अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद होने लगे हैं। USAID के दफ़्तर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इसकी जांच एलन मस्क की अध्यक्षता वाले DOGE नामक विभाग द्वारा की जा रही है। यह विभाग एलन मस्क का ही आइडिया है। अमेरिका की एक संसदीय समिति ने भी USAID के बारे में कई खुलासे किए हैं। USAID (यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) एक अमेरिकी सरकारी एजेंसी है जो अंतरराष्ट्रीय विकास और मानवीय सहायता के लिए काम करती है, लेकिन हाल के दिनों में इस पर कई विवादास्पद खर्चों को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
USAID पर गंभीर आरोप
1. तालिबान को वित्तीय सहायता और अफीम की खेती के लिए समर्थन
रिपोर्ट के अनुसार, USAID ने तालिबान को कंडोम खरीदने के लिए 15 मिलियन डॉलर (₹120 करोड़+) दिए। यह आरोप अमेरिकी सांसद ब्रायन मास्ट ने लगाया, जिन्होंने इसे “बेकार का खर्च” बताया। इसके अलावा, यह आरोप भी लगाया गया है कि USAID ने अफगानिस्तान में नहरों, कृषि उपकरणों और उर्वरकों में भारी निवेश किया, जिसका तालिबान ने फायदा उठाया और अफीम उत्पादन को बढ़ावा दिया।
2. नेपाल में नास्तिकता और धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप
नेपाल में, जहाँ 80% से ज़्यादा आबादी हिंदू है, USAID पर नास्तिकता फैलाने के लिए $400,000 (₹3 करोड़+) खर्च करने का आरोप है। इस पहल की आलोचना की जा रही है क्योंकि इसे हिंदू आबादी को नास्तिक बनाने और बाद में उन्हें धर्मांतरण की ओर धकेलने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
3. LGBTQ+ विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए भारी निवेश
USAID ने दुनिया भर में LGBTQ+ विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए लाखों डॉलर खर्च किए। उदाहरण के लिए:
– कैरिबियाई देशों में लोगों को सिर्फ़ LGBTQ पहचान अपनाने के लिए $3 मिलियन (₹2.5 करोड़+) दिए गए।
– कोलंबिया में ट्रांसजेंडर ओपेरा के लिए ₹40 लाख खर्च किए गए।
– इक्वाडोर में वयस्क शो को ₹65 लाख की वित्तीय सहायता मिली।
– अफ्रीका में फ्रेंच बोलने वाले LGBTQ समुदाय को बढ़ावा देने के लिए ₹8 करोड़ खर्च किए गए।
– ग्वाटेमाला में सेक्स चेंज सर्जरी के लिए ₹17 करोड़ दिए गए।
– पेरू में LGBTQ कॉमिक्स** को बढ़ावा देने के लिए ₹27 लाख खर्च किए गए।
4. आतंकवाद और अवैध अप्रवासियों को वित्तीय सहायता
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि:
– सीरिया में अल-कायदा के लड़ाकों को भोजन उपलब्ध कराने का खर्च USAID ने उठाया।
– अमेरिका में अवैध अप्रवासियों को ₹90 करोड़ से ज़्यादा के शॉपिंग वाउचर दिए गए, ताकि वे आसानी से खरीदारी कर सकें।
जांच और राजनीतिक प्रभाव
डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में वापस आने के बाद इन खर्चों की जांच तेज़ हो गई है। USAID मुख्यालय को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है और इसकी जांच एलन मस्क के नेतृत्व वाली ‘DOGE’ नामक टीम कर रही है। मस्क के सुझाव पर जांच शुरू की गई थी और अमेरिकी संसद की एक विशेष समिति भी इस मामले की समीक्षा कर रही है।
USAID के कई खर्च विवादों में घिरे हुए हैं और अमेरिकी सरकार में भी इस पर बहस तेज़ हो गई है। अगर आरोप साबित होते हैं, तो यह अमेरिकी करदाताओं के पैसे के दुरुपयोग का एक बड़ा उदाहरण हो सकता है। फिलहाल सबकी निगाहें जांच के नतीजों पर टिकी हैं।